Tuesday, December 31, 2013

A String of Pearls - मोतियों की माला




Don't thread these pearls
On a weak string

Each one's
A solidified reminder
Of a moment so precious
An emotion so deep
Collected with care

A moment
Of being truly alive
Of letting go
Of experiencing
The rawness
Of Life
That shakes you up
Of squeezing out
Every last drop

Handle them with care
Oh Beloved
For they're not just
Pearls of grief
Interspersed also
On that string
That adorns are
Moments of gratitude
Tears of Joy




इन मोतियों को 
कच्चे धागों में न पिरोना 

हर मोती है
एक ठोस सबूत 
उस कीमती लम्हे का 
गहरी भावनाओं को 
संभाल के सहेजा हुआ 

इक पल 
ज़िन्दगी को गले लगाने का 
आत्मसमर्पण उसे 
अनुभव उसके कच्चे सौन्दर्य का 
ज़िन्दगी 
जो झिंझोड़  दे 
उसकी हर बूँद 
निचोड़ लें 

संजो के रखना इन्हे  
ओ प्रिये
ये सिर्फ गम के ही 
मोती नहीं 
बीच बीच में मिलेंगे तुम्हे 
इस माला में सजे हुए 
क्षण आभार भरे 
आँसू खुशी के 
- Seattle, December 31, 2013
(Inspired by Anne Lamott's Bird-by-Bird)
Image credit: Morning_Pearls_by_ChrisBay101

Friday, December 13, 2013

Now, I choose




Now, I choose
Joy
That gurgles through
Mountainous, rocky pathways

Now, I choose
Love
That drenches
Every pore on every shore
Without restraint

Now, I choose
Laughter
That bursts through
The very fabric of my being

Now, I choose
To know my whole Self
Embracing my shadow and my light
Now, I choose
Not to withhold any part of myself
Take it or leave it
This is who I am

 - Mumbai, October 29, 2013
अब, मैं चुनती हूँ 
हर्ष 
जो झर झर गुनगुनाए 
पथरीले रास्ते अपनाये 

अब, मैं चुनती हूँ 
प्रेम 
जो करे रोम रोम सराबोर 
असंयत हर छोर 


अब, मैं चुनती हूँ 
हँसी 
जो फूटे  यकायक 
कहीं भीतर से अचानक 

अब, मैं चुनती हूँ 
पूर्णतः आत्म ज्ञान 
गले लगा अपनी छाया एवं प्रकाश 
अब, मैं चुनती हूँ 
अपना ही साथ
आप चाहें या ना मानें 
यही है मेरी पहचान  

- Seattle, December 13, 2013