Monday, July 20, 2020

सफ़ा : A Page




Photo by Max Saeling on Unsplash
सफ़ा
A Page
मन के किसी कोने में
इक सफ़ा रहता है कहीं
In a remote corner of this mind
Lives a page perchance you might find
बही-खाते तो होते हैं दुकानों में
शामिल था ये सफ़ा भी कभी उन में ही
Ledgers are found in stores and shops
This folio once closely tracked many swaps
आज कल मगर इसके अंदाज़ में
बदलाव सा आ रहा है सही
Lately though, there's been a shift
Its demeanor, slightly adrift


गुम था पहले नफे-नुकसान के चक्करों में
देख न पाता था जो था सामने यहीं
Lost in the loops of debit and credit
The presence here and now, unable to accredit
बुनता रहता था अरमानों को सपनों में
पर पकड़ न पाया था नब्ज़ इसी पल की
Weaving desires into dreams endlessly
Failing to take the pulse of this eternity
जब हिसाब-किताब की भूल-भुलैय्या में
सर चकराया हर घड़ी
When the balance-sheets and their maze
Baffled each moment in new ways


रोक लग गयी कलम से मुलाकातों में
खालीपन की गहराइयों में उतर गया खुशी-खुशी
Parted its ways with the pen and the scribe
The depths of emptiness hard to describe



इक ज़माने के गुजरने में
एहसास हुआ तभी कभी
Was it an era, was it an epoch
When finally, realization struck
बहुत कुछ है दुनिया में
जो लिखा जा सकता नहीं
That so much is impossible
To translate into words it is easy to fumble
इस पल की नज़ाकत में
महसूस किया है राही वही
Yet in the delicacy of this moment
Was palpable that traveling vagrant
यादों में फरियादों में
जो पुकार रहा है सदी-सदी
Calling out amid memories and pleas
Wafting through centuries


कलम से नयी मुलाकातों में
अब नयी उमंग बरस पड़ी
Now the scribe's new encounters
Filled with joyful showers
हज़ारों लम्हों की कहानियों में
दिखाई दी अब आस नयी
Thousands of moments woven into stories
New hope shimmering with new allegories
हर पल के अनंदो-उल्लास में
भीगा रहता है अब सफ़ा यहीं
Exulting in the joy of each moment
The page lives on, soaked in enchantment
ज़िन्दगी के सफर में
इस पन्ने का कोई अंत नहीं
In the journey of this lifetime
A page with no beginning or end, no reason or rhyme


राह चलती डगर में
शायद आपको भी कभी मिले यहीं कहीं
On the way somewhere, on your path perhaps
You too may find it somewhere, with joy to unwrap
12 July 2019
20 July 2020



Friday, July 10, 2020

वक़्त

Photo by Gif Frame on Unsplash

एक वक़्त था
जब इंतज़ार रहता था
डाक के आते ही
अपने ख़ज़ाने को बटोर लेने का

वक़्त था वह
जब वे हसीन लव्ज़
दिल में बस जाते थे
ख़ामोशी से बार बार
पढ़े जाते थे
उपहार में वो खत
मुस्कराहटें दे जाते थे

उस वक़्त का ज़ायका
अब भी ज़हन में है कहीं
उन पन्नों की खुशबुएँ
महसूस हैं अभी भी कहीं

न जाने फिर
कैसे वह वक़्त बदला
वो कागज़ मुर्झा से गए
सन्नाटे की खाई में
सारे अलफ़ाज़ खो गए

दिल की आवाज़ पर
ताला पड़ गया
भर्राये गले से
नग्मा छिन गया

वक़्त और गुज़रा
जुड़ते गए कई वाक़ियात
कई ने फिर किया आघात
ढूँढते रह गए वजाहात

वक़्त ठहर सा गया फिर
नज़रें आप से मिलाई जब
बगिया खिल उठी फिर
नज़्मों को गले लगाया जब

खुद से खुल कर
बातें जब की हमने
मन का मलाल मिटने लगा
नए साहस ने साथ निभाया
अब भर्राए गले के बावजूद
नग्मे गुनगुनाते हैं
और किसी से ना सही
खुद से खूब बतियाते हैं

वक़्त फिर बदल रहा है शायद

- July 8,2020

गंतव्य : Destinations


 
ढूँढती हो क्यों उसे
यहाँ कोई सहयात्री नहीं
कदम दो कदम का साथ भला
गंतव्य एक बनाता नहीं
Why do you search my dear
In vain for fellow travelers?
A step or two together
Aren't enough a join destination to discover
पृथक राहों पर
रहे पथिक भटक
लक्ष्य की मगर
नहीं किसे भनक
On multiple paths do travel
The multitudes amid the babble
Destinations can baffle
And goals easily unravel
हाँ थाम लो कोई हाथ
गर कोई सहारा पुकारे
क्या पता उसे ही हो ज़रुरत
चलना चाहे संग तुम्हारे
Yes, sure you may accept
When someone offers support
It is possible indeed
They might really need
To walk some distance with you instead
पर बढ़ती रहो तुम निरन्तर
निःसंकोच निःसंदेह निडर
Though you must always walk on steady
Free of doubts and free of worry
खोज लो अपना वो पथ
अपना लो तुम अपना वो सत्य
उस नक़्शे कदम पर चलना
ही तो है तुम्हारा कर्तव्य
Seek your own path
Own your own truth
Follow your own map and chart
Your only obligation to follow your heart
जानती हूँ जानेमन
पहचान रही हो अपने पदचिन्ह
जानती हो तुम प्रिये
मंज़िल यही है बस तुम्हारे लिए
I know sweetheart
You recognize those footprints
My darling, you know the art
Intentions have their own blueprints
इस सफर में सिर्फ मगर
याद ये रखना दिलबर
And through this journey
Oh Beloved, hold on to the memory
मिलती तुम्हें हूँ मैं ज़रूर
उसी दिशा में
उसी ओर
जब पार करो तुम दूसरा छोर
थाम जब लो इस दिल की डोर
तो है तुरन्त
वो मधुर मिलन
I shall meet you
Oh! For sure
In that same direction
As you explore
And as you hold
The strings of this heart
I can assure
You we're never apart
मेरी प्रियतम
मेरी हमदम
मेरी हमकदम
My beloved
Dearly loved
Always in step
चलते हैं हम फिर एक साथ
थाम कर अपना ही हाथ
तुम्हारे आलिंगन में यूँ बंध
लगता है सब खुशरंग
उड़ने लगे हैं संग संग
आसमानों में स्वछन्द
 As we walk together
With that joy of your embrace
The experience of pure Grace
We fly high, we soar
Unfettered unshackled
In a union like never before

Feb 19 2015
July 10, 2020



Sunday, July 5, 2020

Spinning

Photo by Hulki Okan Tabak on Unsplash

A frenetic frenzy
Driving myself crazy

Never ending
To-do lists
Ever growing
Events and trysts

The shoulds and the coulds
The must
Wreaking havoc
On trust

I spin
And spin
Seemingly
Out of control

Then,
Through the spinning
I catch myself grinning

It’s hardly a surprise
As soon as I realize

The whirling dervish
Do find
The stillness
Through the spinning!

Chuckling
I find my center
And the rest of the world
Amusing
- July 4, 2020